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कोन्स्तान्तिन फ़ेदिन

जन्म : 24 फरवरी (पुराने कैलेण्डर के अनुसार 12 फरवरी), 1892, सरातोव, रूस।

निधन : 15 जुलाई, 1977, मास्को, सोवियत संघ।

समाजवादी क्रान्ति और निर्माण के युगान्तरकारी समय और महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध के दौरान अकूत कुर्बानियाँ देकर फासीवाद को धूल चटाने वाली सोवियत जनता के भौतिक-आत्मिक जीवन के सभी पहलुओं का दक्ष साहित्यिक दस्तावेजीकरण करनेवाले लेखकों में कोन्स्तान्तिन फ़ेदिन का नाम अग्रणी है।

एक छोटे व्यापारी के घर जन्मे फेष्दिन अध्ययन के लिए जर्मनी में थे जब प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रूस वापस लौटते समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वे अक्टूबर क्रान्ति के बाद ब्रेस्त-लितोव्स्क की सन्धि होने पर वापस लौट सके। गृहयुद्ध के दौरान के तूफानी वर्षों में फेष्दिन घुड़सवार फौज में शामिल होकर लड़े और सेना के अखबार में काम किया। 1921 से 1924 तक उन्होंनेकिताबें और क्रान्तिपत्रिका के सम्पादक के रूप में काम किया। इस दौरान वे लेख और कहानियाँ लिखते रहे। 1921 में वे विभ्रमग्रस्त मध्यवर्गीय युवा रूसी लेखकों के ग्रुप सेरापियन ब्रदर्ससे जुड़ गए। गोर्की के प्रभाव में फ़ेदिन ने इस ग्रुप से अपने को दूर कर लिया और उनके वैचारिक रूपान्तरण की शुरुआत हुई।

फ़ेदिन को साहित्य के लिए दो बार स्तालिन पुरस्कार के साथ चार बार लेनिन सम्मान और एक बार अक्टूबर क्रान्ति सम्मान भी मिला था। इसके अतिरिक्त उन्हें देश-विदेश में कई सम्मान और पद-पुरस्कार मिले थे। 1959 से 1971 तक वे सोवियत लेखक संघ के  प्रथम  सचिव  और  1971  से  उसके प्रशासकीय बोर्ड के अध्यक्ष रहे।

आग्नेय वर्ष (अजिल्द)

कोन्स्तान्तिन फ़ेदिन

मूल्य: Rs. 150

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पहली उमंगे

कोन्स्तान्तिन फ़ेदिन

मूल्य: Rs. 80

पहली उमंगे

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पहली उमंगें

कोन्स्तान्तिन फ़ेदिन

मूल्य: Rs. 495

पहली उमंगें उपन्यास एक ऐसे समय का साहित्यिक दस्तावेज है जब समाज में, आतंक के साये के बीच, कभी भी कहीं से परिवर्तन की किसी विस्फोटक, आकस्मिक शुरुआत की सम्भावना लोग निरन्तर महसूस कर रहे थे।

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